Ye isk mohabbat ki kuch hai ajib rasme kabhi jine ke vade kabhi marn ki kasme
🔫: सिर्फ लफ्जों को ना पढो,कभी आखेँ
भी पढ़ा करो,
कुछ सवाल बड़े खुद्दार होते है..!!
🔫: "फिर वही दिल की गुज़ारिश,फिर
वही उनका ग़ुरूर,
फिर वही उनकी शरारत , फिर वही मेरा कुसूर....!"
🔫: खुद के खोने का पता ही ना चला ,
तुझे पाने की मैंने यूँ इन्तेहा कर दी !!!!!
🔫: ऍसा नही है कि अब तुम्हारी याद
नही आती ,,बस दिल को समझा रखा है!
🔫: जब से रहने लगे हो पलकों में
एक भी ख्वाब हमारा ना हुआ....
🔫: मुझे देखने से पहले साफ़ कर;
अपनी आँखों की पुतलियाँ ग़ालिब;
कहीं ढक ना दे मेरी अच्छाइयों को भी;
नज़रों की ये गन्दगी तेरी।
🔫: है परेशानियाँ....
यूँ तो...बहुत हैं...
इस ज़िंदगी में....
तेरी मोहब्बत सा...
मगर...
कोई तंग नहीं करता....
🔫: सुलग रही है अगरबत्तियां सी मुझ में.! .तुम्हारी याद
ने महका भी दिया,जला भी दिया..!!..
🔫: पानी फेर दो इन पन्नो पर... ताकि धुल जाए
स्याही जिंदगी फिर से लिखने का मन
करता हें…कभी- कभी....!!
🔫: जब मिले थोड़ी फुर्सत दिल की बात कह देना
खामोश रिश्ते ,ज्यादा दिन तक जिन्दा नहीं रहत
🔫: तजुर्बे ने एक बात सिखाई हैँ ... एक नया दर्द
ही... पुराने दर्द की दवाई हैँ ..!!!
🔫: तुम्हें सोचूं तो सोच शायराना हो जाए...गर लिख
बैठूँ तुम्हे...तो जानेक्या हो जाए.
🔫: हल्की-
हल्की सी सर्द
हवा और
हल्का सा दर्द ए दिल.....
.अन्दाज अच्छा हेँ, ऐ नवम्बर तेरे
आने का....!!
🔫: तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी,
और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ..!
🔫: हम तो आइना है दाग दिखाएंगे चेहरे के...जिसे
बुरा लगे वो सामने से हट जाए....!!
🔫: तोड़ दो होंठो की ख़ामोशी ये जुकी नजरे उठाओ,
जलती है ये दुनिया तो पास आकर जलाओ.!!
🔫: फ़िदा हूँ आपकी किस किस अदा पर ,
अदाएं लाख और बेताब दिल एक ....!!
🔫: हम शराबी नहीं हे तो बन जाएंगे ।आप बस नज़रे
झुका कर उठा लीजिये।
🔫: किसको सुनाए अपना दर्द गालिब ☹ यहां सब
अपनी ही बकचोदी में लगे ह
🔫: होठों ने सब बातें छुपा कर रखीं ……
आँखों को ये हुनर… कभी आया ही नहीं ……
🔫: आधी रात है ,वहां कोई ना होगा अश्क
आऔ उनके घर के दिवार चुम आते ह
🔫: अजीब लोगोँ का बसेरा है तेरे शहर मेँ,
गूरूर मेँ मिट जाते हैँ मगर याद नहीँ करते!!
🔫: लोग खुश है आशिक को दे दे के ईबादत का फरेब
मगर खुब समझता है वो आखिर शायर है वो भी
🔫: कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स
को जो रूठा भी ना हो और
बात भी ना करे.....!!
🔫: मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना,
.शायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता!
[
🔫: हम तो बेज़ान चीज़ों से भी वफ़ा करते हैं,
तुझमे तो फिर भी मेरी जान बसी है...
🔫: आप सड़को की बात करते हो ...ये बेटिया तो गर्भ
में भी महफूज नही हैं………
🔫: शतरंज की चालों का खौफ ...उन्हें होता है , जो सियासत करते हैं .....!!
हम तो मोहब्बत के खिलाड़ी हैं .न हार की फिक्र , न जीत का ज़िक्र......!!!
🔫: बिछड़ के भी वो सितम ढा रहे है
तसव्वर में भी आके शर्मा रहे ह
🔫: इन दिनों हम से रिश्ता करीब रखना
सुना है अक्सर लोग दिसम्बर में बिछड़ जाते है....
🔫: मैं क्या जानूँ
दर्द की कीमत ?
मेरे अपने मुझे
मुफ्त में देते हैं !
🔫: ऐ ज़िन्दगी मुझे कुछ , मुस्कुराहटें उधार दे दे
'अपने' आ रहे हैं मिलने की रस्म निभानी ह
🔫: क्यों कहते हैं लोग कि सोहबत का असर पड़ता है
मै तो बेवफाओं की महफ़िल में रह कर भी वफाएं
निभाता रहा ......
🔫: जानता हूँ मशहूर बहुत हे मेरे अल्फाज
की तासीर !! '
मगर एक शख्स ऐसा भी हे जो मुझसे
मनाया नही जाता !!
🔫: मत पूछ दास्तान-ए-इश्क,बस जो रूलाता है,उसी के
गले लगकर रोने को जी चाहता है..!!
🔫: एक नफरत ही है , जिसे दुनिया चन्द लम्हो मे जान लेती है !!
वरना "चाहत" का यकीन दिलाने मे तो पूरी जिन्दगी बीत जाती है ........!!!
ना कर जिद्द 'दिल'अपनी हद्द् में रह !!
वो बड़े लोग हैं, याद करते हैं तो अपनी मर्ज़ी से.....
[
🔫: गिरी मिली एक बोतल शराब
की,,,तो ऐसा लगा मुझे
.जैसे बिखरा पड़ा था एक रात का
सुकून किसी का !!!
🔫: है होंठ उसके किताबो मे लिखी तहरीरो की तरह
उंगलियां रखो तो ,आगे पढने का दिल करता ह
🔫: तेरी आँखों के लिये बस इतनी सज़ा ही काफी है,
तू आज रात ख्वाबों में मुझे रोते हुए देखे !
🔫: HUME KIYA PATA THA MOSAM ASE RO
PADEGA...
HUMNE TO ASMA KO BUS APNI DASTA SUNAI
THI....
🔫: इन्कार किया जिन्होंने मेरा समय देखकर
वादा है मेरा..!!
ऐसा समय भी लाऊंगा, कि मिलना पड़ेगा मुझसे समय लेकर.
🔫: जनाजा देख कर मेरा वो बोली ..
वोही मरा है क्या जो मुझ पर मरता था?
🔫: समझ सको तो समझ लो मेरी निगाहों से,
की दिल की बातें जुबां से कही नहीं जाती...
🔫: इत्तु सा दिल है मेरा इत्तु सा
और इत्ते बड़े बड़े ग़म झेलता है..
🔫: ज़रा सी आहट से....वो जग जाता है रातों में..
.खुदा बेटी दे गरीब
को....तो दरवाज़ा भी दे.,.,!!!
🔫: खून मे ऊबाल, वो आज भी खानदानी है..!!
दुनिया हमारे शौक की नहीं , हमारे तेवर की दिवानी है,.,!!!
🔫: क्यू बार बार ताकते हो शीशे को.....
नज़र लगाओगे क्या मेरी इकलौती मुहब्बत को….
🔫: दिखावे की मोहब्बत से
बेहतर है दिल से नफरत किजिये हमसे...!!
हम सच्चे जज्बातो की बडी कदर करते है...!!!
🔫: "इश्क" का धंधा ही बंघ कर दिया साहेब।....
मुनाफे में “जेब” जले..
और घाटे में “दिल”..
🔫: हर रोज इतना मुस्कुराया करो की
ग़म भी कहे....
यार.... मै गलती से कहा आ गया...
🔫: सिर्फ लफ्जों को ना पढो,कभी आखेँ
भी पढ़ा करो,
कुछ सवाल बड़े खुद्दार होते है..!!
🔫: "फिर वही दिल की गुज़ारिश,फिर
वही उनका ग़ुरूर,
फिर वही उनकी शरारत , फिर वही मेरा कुसूर....!"
🔫: खुद के खोने का पता ही ना चला ,
तुझे पाने की मैंने यूँ इन्तेहा कर दी !!!!!
🔫: ऍसा नही है कि अब तुम्हारी याद
नही आती ,,बस दिल को समझा रखा है!
🔫: जब से रहने लगे हो पलकों में
एक भी ख्वाब हमारा ना हुआ....
🔫: मुझे देखने से पहले साफ़ कर;
अपनी आँखों की पुतलियाँ ग़ालिब;
कहीं ढक ना दे मेरी अच्छाइयों को भी;
नज़रों की ये गन्दगी तेरी।
🔫: है परेशानियाँ....
यूँ तो...बहुत हैं...
इस ज़िंदगी में....
तेरी मोहब्बत सा...
मगर...
कोई तंग नहीं करता....
🔫: सुलग रही है अगरबत्तियां सी मुझ में.! .तुम्हारी याद
ने महका भी दिया,जला भी दिया..!!..
🔫: पानी फेर दो इन पन्नो पर... ताकि धुल जाए
स्याही जिंदगी फिर से लिखने का मन
करता हें…कभी- कभी....!!
🔫: जब मिले थोड़ी फुर्सत दिल की बात कह देना
खामोश रिश्ते ,ज्यादा दिन तक जिन्दा नहीं रहत
🔫: तजुर्बे ने एक बात सिखाई हैँ ... एक नया दर्द
ही... पुराने दर्द की दवाई हैँ ..!!!
🔫: तुम्हें सोचूं तो सोच शायराना हो जाए...गर लिख
बैठूँ तुम्हे...तो जानेक्या हो जाए.
🔫: हल्की-
हल्की सी सर्द
हवा और
हल्का सा दर्द ए दिल.....
.अन्दाज अच्छा हेँ, ऐ नवम्बर तेरे
आने का....!!
🔫: तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी,
और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ..!
🔫: हम तो आइना है दाग दिखाएंगे चेहरे के...जिसे
बुरा लगे वो सामने से हट जाए....!!
🔫: तोड़ दो होंठो की ख़ामोशी ये जुकी नजरे उठाओ,
जलती है ये दुनिया तो पास आकर जलाओ.!!
🔫: फ़िदा हूँ आपकी किस किस अदा पर ,
अदाएं लाख और बेताब दिल एक ....!!
🔫: हम शराबी नहीं हे तो बन जाएंगे ।आप बस नज़रे
झुका कर उठा लीजिये।
🔫: किसको सुनाए अपना दर्द गालिब ☹ यहां सब
अपनी ही बकचोदी में लगे ह
🔫: होठों ने सब बातें छुपा कर रखीं ……
आँखों को ये हुनर… कभी आया ही नहीं ……
🔫: आधी रात है ,वहां कोई ना होगा अश्क
आऔ उनके घर के दिवार चुम आते ह
🔫: अजीब लोगोँ का बसेरा है तेरे शहर मेँ,
गूरूर मेँ मिट जाते हैँ मगर याद नहीँ करते!!
🔫: लोग खुश है आशिक को दे दे के ईबादत का फरेब
मगर खुब समझता है वो आखिर शायर है वो भी
🔫: कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स
को जो रूठा भी ना हो और
बात भी ना करे.....!!
🔫: मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना,
.शायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता!
[
🔫: हम तो बेज़ान चीज़ों से भी वफ़ा करते हैं,
तुझमे तो फिर भी मेरी जान बसी है...
🔫: आप सड़को की बात करते हो ...ये बेटिया तो गर्भ
में भी महफूज नही हैं………
🔫: शतरंज की चालों का खौफ ...उन्हें होता है , जो सियासत करते हैं .....!!
हम तो मोहब्बत के खिलाड़ी हैं .न हार की फिक्र , न जीत का ज़िक्र......!!!
🔫: बिछड़ के भी वो सितम ढा रहे है
तसव्वर में भी आके शर्मा रहे ह
🔫: इन दिनों हम से रिश्ता करीब रखना
सुना है अक्सर लोग दिसम्बर में बिछड़ जाते है....
🔫: मैं क्या जानूँ
दर्द की कीमत ?
मेरे अपने मुझे
मुफ्त में देते हैं !
🔫: ऐ ज़िन्दगी मुझे कुछ , मुस्कुराहटें उधार दे दे
'अपने' आ रहे हैं मिलने की रस्म निभानी ह
🔫: क्यों कहते हैं लोग कि सोहबत का असर पड़ता है
मै तो बेवफाओं की महफ़िल में रह कर भी वफाएं
निभाता रहा ......
🔫: जानता हूँ मशहूर बहुत हे मेरे अल्फाज
की तासीर !! '
मगर एक शख्स ऐसा भी हे जो मुझसे
मनाया नही जाता !!
🔫: मत पूछ दास्तान-ए-इश्क,बस जो रूलाता है,उसी के
गले लगकर रोने को जी चाहता है..!!
🔫: एक नफरत ही है , जिसे दुनिया चन्द लम्हो मे जान लेती है !!
वरना "चाहत" का यकीन दिलाने मे तो पूरी जिन्दगी बीत जाती है ........!!!
ना कर जिद्द 'दिल'अपनी हद्द् में रह !!
वो बड़े लोग हैं, याद करते हैं तो अपनी मर्ज़ी से.....
[
🔫: गिरी मिली एक बोतल शराब
की,,,तो ऐसा लगा मुझे
.जैसे बिखरा पड़ा था एक रात का
सुकून किसी का !!!
🔫: है होंठ उसके किताबो मे लिखी तहरीरो की तरह
उंगलियां रखो तो ,आगे पढने का दिल करता ह
🔫: तेरी आँखों के लिये बस इतनी सज़ा ही काफी है,
तू आज रात ख्वाबों में मुझे रोते हुए देखे !
🔫: HUME KIYA PATA THA MOSAM ASE RO
PADEGA...
HUMNE TO ASMA KO BUS APNI DASTA SUNAI
THI....
🔫: इन्कार किया जिन्होंने मेरा समय देखकर
वादा है मेरा..!!
ऐसा समय भी लाऊंगा, कि मिलना पड़ेगा मुझसे समय लेकर.
🔫: जनाजा देख कर मेरा वो बोली ..
वोही मरा है क्या जो मुझ पर मरता था?
🔫: समझ सको तो समझ लो मेरी निगाहों से,
की दिल की बातें जुबां से कही नहीं जाती...
🔫: इत्तु सा दिल है मेरा इत्तु सा
और इत्ते बड़े बड़े ग़म झेलता है..
🔫: ज़रा सी आहट से....वो जग जाता है रातों में..
.खुदा बेटी दे गरीब
को....तो दरवाज़ा भी दे.,.,!!!
🔫: खून मे ऊबाल, वो आज भी खानदानी है..!!
दुनिया हमारे शौक की नहीं , हमारे तेवर की दिवानी है,.,!!!
🔫: क्यू बार बार ताकते हो शीशे को.....
नज़र लगाओगे क्या मेरी इकलौती मुहब्बत को….
🔫: दिखावे की मोहब्बत से
बेहतर है दिल से नफरत किजिये हमसे...!!
हम सच्चे जज्बातो की बडी कदर करते है...!!!
🔫: "इश्क" का धंधा ही बंघ कर दिया साहेब।....
मुनाफे में “जेब” जले..
और घाटे में “दिल”..
🔫: हर रोज इतना मुस्कुराया करो की
ग़म भी कहे....
यार.... मै गलती से कहा आ गया...
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