यूँ असर डाला है, मतलबी लोगों ने दुनिया पर ...हाल भी पूछो तो, समझते हैं काम होगा.......*
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रूठ के बैठा हूँ उस_Pagli से...काश कि # वो_एक बार आये और प्यार से बोले ..."अरे # O. #HERO एक #Smile तो दे , #कैसे_रहूंगी तेरे बिना....
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हम तो पागल है जो शायरी में ही दिल की बात कह देते है ••
लोग तो गीता पे हाथ रखके भी सच नहीं बोलते..|||
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अपना तो_ कोई Friənds नही है सब साले _कलेजे के टुकडे है
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खामोशियां ही बेहतर है
शब्दों से लोग रूठते बहुत है।
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फाँसी लगा ली गिरगिट ने खुदा से ये कहके…
दुनिया में रँग बदलने में इन्सान हमसे आगे हैं ….!!!
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हार की #परवाह_करता, ताे #मे जीतना छाेड_देता लेकिन #जीत #मेरी_जिद है, अाैर #जिद_का मै #बादशाह_हूँ....
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#महोबत हो या #Downloading
.अधूरी रह जाये तो बहुत तकलीफ देती है
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GF कहती है कि अकेला है तु मगर, मोहल्ले की लडकिया कहती है कि लाखो मे एक है तू ..
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हम जा रहे हैं वहां जहाँ दिल की हो क़दर ,
बेठे रहो तुम अपनी अदायें लिये हुए ……..!!
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में तो तुझ पर अपनी जान भी लुटा दुँ,
पर तू मुझसे मेरे जैसी मोहब्बत तो कर..!!
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तेरी चाहत तो मुक़द्दर है, मिले न मिले;
राहत ज़रूर मिल जाती है, तुझे अपना सोच कर…
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*मरने के लिए थोड़ा सा,*
लेकिन जिंदा रहने के लिए बहुत सारा जहर पीना पड़ता है
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हां मुझे मोहब्बत नहीं आती,
तुम्हे आती है तो करते क्युं नहीं !!
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*जान जब प्यारी थी तब दुश्मन बहुत थे,*
*अब मरने का शौक है*तो कोई कातिल नहीं मिलता !!
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*हम गमो को छिपाने का कारोबार करते है,* *कसूर बस इतना है की हम गम देने वाले से ही प्यार करते है !!*
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*वाह वाह बोलने की आदत डाल लो दोस्तों,*
*मैं मोहब्बत में अपनी बरबादिया लिखने वाला हूँ !!*
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*मैं भिखारी ही बन जाऊं, तेरी खातिर....*
*कोई डाले तो सही, तुझे मेरी झोली में....!!!!*
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*बेजान दिल को तेरे इश्क ने जिंदा किया,*
फिर तेरे इश्क ने ही इस दिल को तबाह किया !!
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बगैर जाने-पहचाने इक़रार ना कीजिये;
मुस्कुरा कर यूँ दिलों को बेक़रार ना कीजिये;
फूल भी दे जाते हैं ज़ख़्म गहरे कभी-कभी;
हर फूल पर यूँ ऐतबार ना कीजिये।
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रूठ के बैठा हूँ उस_Pagli से...काश कि # वो_एक बार आये और प्यार से बोले ..."अरे # O. #HERO एक #Smile तो दे , #कैसे_रहूंगी तेरे बिना....
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हम तो पागल है जो शायरी में ही दिल की बात कह देते है ••
लोग तो गीता पे हाथ रखके भी सच नहीं बोलते..|||
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हम जा रहे हैं वहां जहाँ दिल की हो क़दर ,
बेठे रहो तुम अपनी अदायें लिये हुए ……..!!
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में तो तुझ पर अपनी जान भी लुटा दुँ,
पर तू मुझसे मेरे जैसी मोहब्बत तो कर..!!
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तेरी चाहत तो मुक़द्दर है, मिले न मिले;
राहत ज़रूर मिल जाती है, तुझे अपना सोच कर…
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*मरने के लिए थोड़ा सा,*
लेकिन जिंदा रहने के लिए बहुत सारा जहर पीना पड़ता है
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हां मुझे मोहब्बत नहीं आती,
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*जान जब प्यारी थी तब दुश्मन बहुत थे,*
*अब मरने का शौक है*तो कोई कातिल नहीं मिलता !!
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*हम गमो को छिपाने का कारोबार करते है,* *कसूर बस इतना है की हम गम देने वाले से ही प्यार करते है !!*
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*वाह वाह बोलने की आदत डाल लो दोस्तों,*
*मैं मोहब्बत में अपनी बरबादिया लिखने वाला हूँ !!*
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*मैं भिखारी ही बन जाऊं, तेरी खातिर....*
*कोई डाले तो सही, तुझे मेरी झोली में....!!!!*
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*बेजान दिल को तेरे इश्क ने जिंदा किया,*
फिर तेरे इश्क ने ही इस दिल को तबाह किया !!
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हर फूल पर यूँ ऐतबार ना कीजिये।
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